Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
पार्थ ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी भी दी है
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की स्वास्थ्य स्थिति फिर से चिंता का कारण बनी हुई है। विभिन्न शारीरिक समस्याओं के चलते कई बार बीमार पड़ चुके पार्थ की जेल में ही स्वास्थ्य जांच की गई। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को डॉक्टरों की एक टीम ने जेल में जाकर उनकी जांच की। नियुक्ति घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद से पार्थ को स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
जेल के एक अधिकारी के अनुसार, पार्थ के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए हर महीने डॉक्टरों की टीम भेजी जाती है। पार्थ लंबे समय से मोटापे, पैर और कंधे के दर्द, और चर्मरोग जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका पैर दर्द तो काफी समय से है, और अब जेल में बंद होने के बाद उनकी यह तकलीफ बढ़ गई है। उनके वकील ने कई बार अदालत में इन स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए राहत की मांग की है। अदालत के निर्देश पर मेडिकल टीम में मेडिसिन और हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हैं, जो नियमित तौर पर पार्थ की सेहत की जांच करते हैं।
मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि 2022 में ईडी द्वारा पार्थ के नाकतला स्थित आवास पर छापा मारते समय भी उन्हें तबीयत खराब होने की शिकायत हुई थी। उस दौरान एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टरों को भी उनके घर पर बुलाया गया था। बाद में पार्थ को एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराकर उनका इलाज किया गया और अदालत के आदेश पर उन्हें भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में भी ले जाया गया।
पार्थ ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी भी दी है। दुर्गा पूजा से पहले उनकी जमानत याचिका पर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी और न्यायमूर्ति अपूर्व सिंह राय की खंडपीठ में सुनवाई हुई, लेकिन न्यायाधीशों ने अभी फैसला सुरक्षित रखा है।